Takazhi S. Pillai Editor by Dr.V.D. Krishnan Nampiyar
तकष़ी शिवशंकर पिल्लै -
जन्म: 7 अप्रैल, 1912 को एलैप्पी (केरल) से कोई बीस किलोमीटर दूर बसे गाँव तकष़ी में। प्राथमिक शिक्षा मलयालम में तकष़ी के एक प्राइमरी स्कूल में। उच्चतर शिक्षा अंग्रेज़ी में गाँव से बाहर। वक़ालत की शिक्षा त्रिवेन्द्रम के लॉ कॉलेज में। वक़ालत की शुरूआत एलैप्पी में 1936 में। लम्बे समय तक अपने ही खेतों में काश्तकारी की। लेखन विद्यार्थी जीवन से ही प्रारम्भ। पहली कहानी 1929 में तथा पहला उपन्यास 1933 में प्रकाशित। 32 उपन्यास, 600 से अधिक कहानियाँ और एक नाटक लिखे हैं। सात उपन्यास और अनेक कहानियाँ अंग्रेज़ी में अनूदित।
1956 में उपन्यास 'चेम्मीन' साहित्य अकादेमी द्वारा पुरस्कृत। 1964 में 'एणिप्पटिकल' पर केरल साहित्य अकादमी का पुरस्कार। 1974 में सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार। 1980 में बृहद् उपन्यास 'कॅयर' पर वायलार पुरस्कार। उपन्यास तथा कहानियाँ अनेक विदेशी एवं सभी भारतीय भाषाओं में अनूदित। व्यापक विदेश भ्रमण। तीन बार राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार सीमित के सदस्य। केरल साहित्य अकादमी के अध्यक्ष। 'चेम्मीन' पर बनी फ़िल्म राष्ट्रपति द्वारा स्वर्ण-कमल से सम्मानित। 1984 के ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित। 1999 में देहावसान।