Amitabh Mishr

सम्पादक - अमिताभ मिश्र 'भवानी प्रसाद मिश्र संचयन' का सम्पादन उनके सबसे बड़े पुत्र और शास्त्रीमय गायक अमिताभ मिश्र ने किया है। पुस्तक में अमिताभ मिश्र की इकतालीस पृष्ठों की भूमिका के रूप में जिन प्रसंगों से पाठकों को अवगत कराया है वह द्रवित कर देता है। भूमिका पढ़ते हुए प्रतीत होता है कि इसमें अमिताभ ने अपनी प्रेममय ऊर्जा उड़ेल दी है। एक कवि को समीक्षक के रूप में देखने के अलावा एक पुत्र-दृष्टि भी होती है जिसने कविता को जन्म लेते और गहराई से धीरे-धीरे पोषित होते देखा होता है।अमिताभ मिश्र आकाशवाणी के उच्च श्रेणी के संगीत नियोजक और गायक रहे हैं। लेखक - भवानीप्रसाद मिश्र - हिन्दी के प्रसिद्ध कवि तथा गाँधीवादी विचारक थे। बीसवीं सदी की हिन्दी कविता में अपने अलग काव्य मुहावरे और भाषा-दृष्टि के साथ-साथ स्वदेशी चेतना की तेजस्विता और कविता की प्रतिरोधक आवाज़ की पहचान बने कविश्री भवानीप्रसाद मिश्र का जन्म 29 मार्च, 1913 को ज़िला होशंगाबाद के नर्मदा तट के एक गाँव टिगरिया में हुआ। 1930 में उन्होंने लिखा 'जिस तरह हम बोलते हैं उस तरह तू लिख।' जीवन की शुरुआत मध्य प्रदेश के ही बैतूल ज़िले में एक पाठशाला खोलकर किन्तु सन् बयालीस के भारत छोड़ो आन्दोलन में लगभग तीन साल का क़ैदी जीवन बिताने के बाद गाँधी और उनके सहयोगियों के साथ रहे। कुछेक दिनों तक 'कल्पना' (हैदराबाद) में। फ़िल्मों और आकाशवाणी में काम। इसके बाद सम्पूर्ण गाँधी वाड्मय के हिन्दी खण्ड के सम्पादक। बाद में गाँधी मार्ग जैसी विशिष्ट पत्रिका के सम्पादक के रूप में साहित्यिक पत्रकारिता की एक रचनात्मक धारा का प्रवर्तन करते रहे। भवानीप्रसाद मिश्र रचनावली के कुल आठ खण्डों के अलावा कवि के अन्य चर्चित कविता-संग्रह हैं— गीत फ़रोश, चकित है दुख, गाँधी पंचशती, बुनी हुई रस्सी, ख़ुशबू के शिलालेख, त्रिकाल सन्ध्या, व्यक्तिगत, परिवर्तन जिये, तुम आते हो, इदम् न मम, शरीर। कविता : फ़सलें और फूल, मानसरोवर दिन, सम्प्रति, अँधेरी कविताएँ, तूस की आग, कालजयी, अनाम और नीली रेखा तक। बाल कविताएँ-तुकों के खेल, संस्मरण-जिन्होंने मुझे रचा। निबन्ध संग्रह– कुछ नीति कुछ राजनीति। 20 फ़रवरी, 1985 को गृहनगर नरसिंहपुर में हृदयाघात से आकस्मिक मृत्यु।

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