Homen Borgohain
होमेन बरगोहाईं -
असमिया कथा-साहित्य की मनोविश्लेषण एवं अस्तित्ववादी शैली के सबल स्तम्भ और यशस्वी कृतिकार श्री होमेन बरगोहाईं का जन्म 1931 में असम के उत्तर लखीमपुर ज़िले के ढकुवाख़ाना ग्राम में हुआ था। कॉटेन कॉलेज, गुवाहाटी विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद, असम सरकार की प्रशासनिक सेवा में तेरह वर्ष तक डिप्टी कलेक्टर रहे। पश्चात् राजनीति प्रेरित प्रशासन तन्त्र से क्षुब्ध होकर प्रशासनिक सेवा से पद त्याग कर अपना सम्पूर्ण जीवन भारतीय साहित्य सेवा के लिए समर्पित कर दिया। उनकी पहली कृति 1966 में प्रकाशित हुई।
उपन्यास और कहानी यद्यपि उनके दो प्रिय क्षेत्र हैं, लेकिन नाटक रेडियो-रूपक और समालोचना के क्षेत्र में भी वे जाने-माने हस्ताक्षर हैं।
साहित्य अकादेमी से पुरस्कृत बरगोहाईं जी के लेखन का उद्देश्य उन्हीं के शब्दों में है—'मैं क़लम को सामाजिक अन्याय के विरुद्ध संघर्ष करने का एक प्रबल अस्त्र समझता हूँ, मनुष्य की मुक्ति के अवरुद्ध पथ को उन्मुक्त करने वाला साधन मानता हूँ।'