Indu Jain

इन्दु जैन - विगत तीन दशकों से रचनाशील, इन्दु जैन का यह सातवाँ कविता संग्रह है। 'चौंसठ कविताएँ' से आरम्भ हुई उनकी कविता-यात्रा 'आँख से भी छोटी चिड़िया', 'हमसे पहले भी लोग यहाँ थे', 'कितनी अवधि' आदि से गुज़रती हुई 'यहाँ कुछ हुआ तो था' पर पहुँची है। 'अ किस इज़ ए ह्विम' और 'इन मोनोक्रोम' उनकी अंग्रेज़ी में अनूदित कविताओं के संग्रह हैं। 'झुरमुट', 'रोज़नामचा' और 'पत्तों की तरह चुप' में इन्दु जैन अपनी समर्थ गद्य रचना-शक्ति का परिचय दे चुकी हैं। अनेकानेक गोष्ठियों में, आकाशवाणी और दूरदर्शन पर अपने मौलिक चिन्तन और नज़रिये के लिए जानी-मानी इन्दु जैन, सन् 62 से इन्द्रप्रस्थ कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रवक्ता हैं और तोक्यो विदेशी भाषा विश्वविद्यालय में अतिथि प्रोफ़ेसर रह चुकी हैं।

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