Pramod Trivedi
प्रमोद त्रिवेदी -
जन्म: 24 अक्टूबर, 1941 को बड़नगर (मध्य प्रदेश) में।
उज्जैन के सान्दीपनी स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्रोफ़ेसर एवं अध्यक्ष कुछ समय तक महाविद्यालय के प्राचार्य पद पर रहे।
बचपन में जहाँ अपने कुल की पौराणिक परम्परा ने उन्हें कल्पनाशील बनाया वहीं आधुनिकता के सम्पर्क ने एक सार्थक द्वन्द्व और आलोचनात्मक दृष्टि दी। कविता से सृजन-यात्रा के बावजूद साहित्य की प्रायः सभी विधाओं में अपनी विशिष्ट पहचान बना चुके हैं।
प्रकाशित कृतियाँ: तुम्हारी भी रीढ़ है (काव्य); कापुरुष (काव्य-नाटक); नया लेखन व अन्य नाटक (बच्चों के नाटक); विक्रमोर्वशीय (नाटक); मैडम का कुत्ता (कहानी); अन्ततोगत्वा, पूर्णविराम, हंस अकेला, निषिद्ध क्षेत्र (उपन्यास); प्रदीप शब्द-स्वर के सुमेरु, नरेश मेहता : एक एकान्त शिखर, सुनीता जैन : शब्द होने का अर्थ (आलोचना-चिन्तन); नरेश मेहता : दृश्य और दृष्टि, सृजन-यात्रा: श्री नरेश मेहता (सम्पादन)। लघुपत्रिका 'ज़मीन', 'औरांग-उटाँग' का सम्पादन-प्रकाशन।
रंगकर्म और चित्रकला में विशेष रुचि।