Ashutosh Mukherjee

आशुतोष मुखोपाध्याय - बांग्ला साहित्य के अग्रणी लेखकों में एक ख्यात नाम है— आशुतोष मुखोपाध्याय। जगमगाते ध्रुवतारे जैसा, अपनी जगह पर अचल-अटल। अपनी सशक्त लेखनी से इस कथाकार ने वर्षों तक बांग्ला साहित्य के प्रेमियों को मन्त्रमुग्ध किया है। शिक्षा पूरी करने के बाद आशुतोष को बँधी-बँधाई नौकरी करना नहीं भाया, अतः दफ़्तर के झंझटों से दूर एक पत्रिका के साहित्य विभाग में सम्पादक जा बने। यहीं उनके मन को तुष्टि मिली और अपने मनोभावों की काग़ज़ पर उतार पाने का सुअवसर भी। बाइस वर्ष की अवस्था से लिखना आरम्भ कर दिया था। तब से अन्त तक उन्होंने लगभग 150 उपन्यास एवं कहानी-संग्रह अपने प्रिय पाठकों को दिये। बाल साहित्य की भी उनकी अनेक रचनाएँ है। हिन्दी में उनकी लगभग तीस प्रमुख कृतियाँ अनूदित एवं प्रकाशित हो चुकी हैं। तमिल, तेलुगु, असमिया में भी उनके उपन्यासों का अनुवाद हुआ है। आशुतोष अपने जीवनकाल में अनेक साहित्य पुरस्कारों से सम्मानित हुए। मरणोपरान्त 1990 में भी श्रेष्ठ कहानी-लेखक के रूप में उन्हें 'सुबोध घोष स्मृति पुरस्कार' समर्पित किया गया।

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter