Rajendra Shah, Sanchayan & Sampadan by Dr. Raghuveer Choudhary
राजेन्द्र केशवलाल शाह -
जन्म: 28 जनवरी, 1913, कपड़वंज (ज़िला खेड़ा, गुजरात)
शिक्षा: एम.एस. विश्वविद्यालय, बड़ौदा से।
राजेन्द्र शाह के अब तक 21 कविता संकलन प्रकाशित हो चुके हैं, जिनमें ध्वनि (1951), आन्दोलन (1951), श्रुति (1957), मोर (1959), शान्त कोलाहल (1962) चित्रणा (1967), क्षण जे चिरन्तन (1968) विषादने साद (1969), मध्यमा (1978), उद्गीति (1979), ईक्षणा (1979), पत्रलेख (1981), प्रथम सप्तक (1982), पंच पर्व (1983), (1983), द्वासुपर्णा (1983), चन्दन भीनी अनाधिक (1987), आरण्यक (1992), अम्बलाव्या मोर (1988), रूपम (1989) आदि काफ़ी चर्चित रहे हैं। इनके अलावा कुछ कहानियों, एकांकियों साहित्य की पुस्तकें प्रकाशित। कुछ महत्वपूर्ण भारतीय तथा विदेशी रचनाकारों की कृतियों का गुजराती अनुवाद भी।
सम्मान-पुरस्कार: कुमार चन्द्रक (1947), रणजीतराम सुवर्णचन्द्रक(1956) साहित्य अकादेमी (1964), नर्मचन्र्ुक (1977) धनजी कानजी सुवर्णचन्द्रक (1983),आदिकवि मेहता पुरस्कार (1999) आदि विविध पुरस्कारों तथा सम्मान से विभूषित। 1999 में साहित्य अकादेमी दिल्ली की महत्तर सदस्यता सन् 2001 के ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित।