M. Veerappa Moily Translated by B.R. Narayan

एम. वीरप्पा मोयिलि - कर्नाटक के प्रसिद्ध नेता, एडवोकेट और कवि—कथाकार। कर्नाटक के दक्षिण कनारा ज़िले के मर्पडि ग्राम (मूडबिद्रि) में 12 जनवरी, 1940 को जन्म। मैसूर एवं बैंगलोर यूनिवर्सिटी से बी.ए., बी.एल.। वकालत शुरू करने के साथ ही समाजसेवा और राजनीति के कामों में सक्रिय भागीदारी । ग़रीब किसानों एवं पिछड़ी जातियों की स्थिति सुधारने के लिए कारकल में 'किसान सभा’ की स्थापना। चौंतीस की उम्र में पहली बार कर्नाटक प्रदेश सरकार के मन्त्रिमंडल में शामिल और फिर लघुउद्योग, क़ानून, वित्त, शिक्षा आदि मन्त्रालयों का कार्यभार पूरी निष्ठा से सँभालते हुए 1992 में कर्नाटक के मुख्यमन्त्री पद पर आसीन। सम्प्रति केन्द्रीय सरकार में क़ानून एवं न्याय मन्त्री के रूप में सजग और सक्रिय। साहित्य, कला और रंगमंच के प्रति बचपन से ही रुझान। राजनीति और समाजसेवा की व्यस्तताओं के बावजूद, सर्जनात्मक लेखन में प्रतिभा का उपयोग। प्रकाशन कन्नड़ में अब तक एक दर्जन से अधिक पुस्तकें प्रकाशित। इनमें 'मिलन', 'पराजित' आदि चार नाटक; 'सुलि गलि', 'सागरदीप' और 'कोट्टा' तीन उपन्यास; 'हेगोंडु यक्षप्रश्ने', 'श्रीरामायण महान्वेषणम्' आदि तीन काव्य रचनाएँ सम्मिलित 'Musing on India' शीर्षक से दो भागों में आलेख। इंग्लैंड, जर्मनी, स्विटज़रलैंड, हॉलैंड, फ्रांस, यू.एस. आदि अनेक देशों की राजनीतिक एवं सांस्कृतिक यात्राएँ।

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