Manisha Kulshreshtha

मनीषा कुलश्रेष्ठ

जन्म : 26 अगस्त 1967

शिक्षा : बी.एससी., एम. ए. (हिन्दी साहित्य), एम. फिल., विशारद ( कथक)

प्रकाशित कृतियाँ : कहानी संग्रह - कठपुतलियाँ, कुछ भी तो रूमानी नहीं, बौनी होती परछाई, केयर ऑफ़ स्वात घाटी, गंधर्वगाथा, अनामा, रंगरूप - रसगंध ।

उपन्यास : शिगाफ, शालभंजिका, पंचकन्या, स्वप्नपाश, मल्लिका (भारतेन्दु हरिश्चन्द्र की प्रेमिका पर जीवनीपरक उपन्यास), कलावैचारिकी पर पुस्तक-बिरजू-लय, मेघदूत वर्णित मेघमार्ग पर यात्रावृत्तान्त शीघ्र प्रकाश्य ।

अनुवाद : माया एंजलू की आत्मकथा 'वाय केज्ड बर्ड सिंग' के अंश, लातिन अमरीकी लेखक मामाडे के उपन्यास 'हाउस मेड ऑफ डॉन' के अंश, बोस की कहानियों का अनुवाद |

रचनाओं के अनुवाद : उपन्यास शालभंजिका का डच में अनुवाद, कई कहानियों का अंग्रेज़ी और रूसी सहित कई भारतीय भाषाओं में भी अनुवाद, 'किरदार' (कथा संकलन) अनुवाद हेतु फ्रांस सरकार द्वारा चयनित ।

पुरस्कार, सम्मान और फैलोशिप : कृष्ण बलदेव वैद फैलोशिप-2007, रांगेय राघव पुरस्कार वर्ष 2010, गीतांजलि इंडो-फ्रेंच लिटरेरी प्राइज़ 2012 ज्यूरी अवॉर्ड, रज़ा फाउंडेशन फैलोशिप-2013, सीनियर फैलोशिप- संस्कृति मन्त्रालय (2015-16), वनमाली कथा सम्मान- 2017, के. के. बिरला फाउंडेशन का प्रतिष्ठित बिहारी सम्मान - 2018, ढींगरा फाउंडेशन अन्तरराष्ट्रीय कथा सम्मान- 2019 आदि ।

अन्य : साउथ एशियन लैंग्वेज इंस्टीट्यूट, हायडलबर्ग (जर्मनी) में उपन्यास 'शिगाफ' का अंश पाठ व आलेख प्रस्तुति (2011)। नौवें विश्व सम्मेलन (2012) जोहांसबर्ग में शिरकत ।

सम्प्रति : स्वतन्त्र लेखन और इंटरनेट की पहली हिन्दी वेबपत्रिका 'हिन्दीनेस्ट' का पंन्द्रह वर्षों से सम्पादन ।
 ई-पता: manishakuls@gmail-com

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