P.V. Akhilan Translated by Dr.H. Balsubrahmanyam

पे. वै. अखिलन्दम् - सुपरिचित नाम अखिलन। 27 जून, 1922 को पेरुंगलूर पुटुकोट्टै में जन्म। 1940 में पढ़ाई छोड़कर स्वतन्त्रता आन्दोलन में कूद पड़े। लगभग बारह वर्षों तक रेलवे मेल सर्विस में और कुछ समय के लिए आकाशवाणी में कार्यरत रहे। बाद में स्वतन्त्र लेखन किया। ज्ञानपीठ पुरस्कार, साहित्य अकादेमी पुरस्कार सहित अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित। 18 उपन्यास, 15 कहानी संग्रह, 1 नाटक, 5 निबन्ध-संग्रह और बाल साहित्य की 4 पुस्तकें प्रकाशित। 31 जनवरी, 1988 को चेन्नई में देहावसान। प्रमुख कृतियाँ: उपन्यास : चित्तिरप्पावै (ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित), वेंगैमिन मैन्दन, कयल विषि एंगे पोहिरोम, पेण्, नेंजिन् अलैगल्। कहानी : अट्वलम् विडुतलै, एरिमलै, निलिविनिलै, सत्तिय आवेसम् । निबन्ध: इलैज्ञरुक्कु, कदैकलै। नाटक: वाप़विल इनवम् आदि।

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