Balivad Kantarao Translated by Dr. I.Panduranga Rao

बलिवाड कान्ताराव - बलिवाड कान्ताराव का जन्म 3 जुलाई, 1927 को आन्ध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम् ज़िले के माडपाँ गाँव में हुआ था। छोटी सी उम्र में ही कान्ताराव शिक्षा और आजीविका की तलाश में गाँव से निकल पड़े। किसी विश्वविद्यालय या कॉलेज में उन्होंने शिक्षा नहीं पायी। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान आर्मी आर्डिनेन्स में काम के बाद 1947 में नौसेना में भर्ती हुए जहाँ से वह 1985 में सिविलियन स्टॉफ ऑफ़िसर के ऊँचे पद से सेवा-निवृत्त हुए। उनके विशाल कथा-साहित्य में आन्ध्र-समाज के हर पहलू का चित्रण मिलता है। आन्ध्र प्रदेश साहित्य अकादमी, तेलुगु विश्वविद्यालय और गोपीचन्द साहित्यिक पुरस्कार से सम्मानित कथाकार का लेखन पूर्णतया मानवतावादी है। उन्होंने अब तक 32 उपन्यास और 250 कहानियाँ लिखी हैं।