Bodhisatva

बोधिसत्व

देवों के देव महादेव जैसे विख्यात टीवी धारावाहिक के मुख्य-मूल शोधकर्ता डॉ. बोधिसत्व की पौराणिक विषय पर यह पहली किताब है। महाभारत की इस यथार्थ कथा में भी महादेव वाली नवीनता और वैचारिक गम्भीरता हर अध्याय में सहज ही देखी जा सकती है। बिना सन्दर्भ के लिखे जा रहे पौराणिक लेखन के बीच डॉ. बोधिसत्व का यह आख्यानपरक लेखन सहज ही अलग से पहचाना जा सकता है।
11 दिसम्बर 1968 में उत्तर प्रदेश के भदोही जनपद के भिखारीरामपुर गाँव में जन्मे बोधिसत्व का मूल नाम अखिलेश कुमार मिश्र है। इनके अब तक चार कविता संकलन प्रकाशित हैं, जिनके नाम सिर्फ कवि नहीं, हम जो नदियों का संगम हैं, दुःखतन्त्र और ख़त्म नहीं होती बात है। बोधिसत्व उच्च शिक्षा प्राप्त हैं, हिन्दी वाले हैं, जो साहित्य और सिनेमा दोनों में बराबर दखल रखते हैं। ये यूजीसी के फ़ैलो रहे और इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग से किया गया शोध प्रबन्ध तार सप्तक कवियों की कविता और काव्य सिद्धान्त पुस्तक के रूप में प्रकाशित है।
बोधिसत्य को कविता के लिए भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार, संस्कृति अवॉर्ड, गिरिजा कुमार माथुर सम्मान, फ़िराक़ गोरखपुरी सम्मान आदि अनेक पुरस्कार प्राप्त हैं। कई कविताओं के भारतीय और विदेशी भाषाओं में अनुवाद प्रकाशित हैं। कुछ कविताएँ मास्को विश्वविद्यालय के एम.ए. के पाठ्यक्रम में शामिल हैं।
दो दर्जन से अधिक टीवी धारावाहिकों और ओटीटी प्लेटफॉर्म के शोज के स्क्रिप्ट का प्रमुख हिस्सा रहे बोधिसत्व के क्रेडिट में शिखर और 'धर्म' जैसी फ़िल्में भी शामिल है। पिछले दिनों स्टार प्लस पर प्रसारित हुए धारावाहिक 'विद्रोही' का निर्माण अपने प्रोडक्शन हाउस 'गाथा प्रोडक्शंस से किया है।
पत्नी कवयित्री आभा बोधिसत्व, बेटे डॉ. यतीन्द्र और बेटी भाविनी के सत्संग में मुम्बई में रहते हैं और निरन्तर साहित्य और सिनेमा के साथ टीवी धारावाहिक के लिए लेखन और निर्माण में व्यस्त ह।
सम्पर्क : श्रीगणेश सी. एच.एस. सेक्टर-3, प्लॉट-288, फ्लेट-, स्वातंत्र्य वीर सावरकर मार्ग चारकोप, कांदीवली (पश्चिम), मुम्बई-100067 (महाराष्ट्र) मो.: 9820212574
मेल : abodham@gmail.com

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