Keshubhai Desai Translated by Meenakshi Joshi
केशुभाई देसाई -
गुजराती के जाने-माने कथाशिल्पी, निबन्धकार, नाटककार प्रसिद्ध लोकसेवक और प्रकाण्ड प्रवक्ता।
जन्म: 3 मई, 1949 को खेरालु (उत्तर गुजरात)।
महाराजा सयाजीराव विश्वविद्यालय से मेडिकल स्नातक। सक्रिय जनसेवक के रूप में वर्षों पिछड़े इलाकों में सेवाकार्य। गुजरात साहित्य अकादमी, गुजरात राज्य सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रमाणपत्र बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य एवं यूनिवर्सिटी ग्रन्थ निर्माण बोर्ड, गुजरात राज्य के अध्यक्ष पद पर भी रहे।
अब तक साठ से अधिक रचनाएँ प्रकाशित। प्रमुख हैं—'जोबनवन', 'सूरज बुझाव्यानु पाप', 'लेडीज़ होस्टेस', 'ऊधई', 'मॅडम', 'मजबूरी', 'लीलो दुकाळ', 'धर्मयुद्ध' (उपन्यास); 'झरमरता चहेरा', 'उंदरघर', (कहानी-संग्रह); 'शहेनशाह', 'मारग मळिया माधु', 'मैं कछु नहीं जानूँ', 'शोधीए एवो सूरज' (निबन्ध) और 'पेट', 'रणछोड़राय' (नाटक)। इसके अतिरिक्त 'पडकार', 'साईंबाबा : ईश्वरनां पगलां पृथ्वी पर' और 'सेवासदन' आदि गुजराती रूपान्तर अनेक रचनाएँ हिन्दी, अंग्रेज़ी सहित अन्य भारतीय भाषाओं में अनूदित एवं प्रकाशित।
भारतीय ज्ञानपीठ से प्रकाशित उपन्यास हैं—'दीमक', 'हरा-भरा अकाल' और 'दाह'।
पुरस्कार-सम्मान: 'पेट' एकांकी के लिए गुजराती साहित्य परिषद से पुरस्कृत। 'धर्मयुद्ध' उपन्यास के लिए मारवाड़ी सम्मेलन का 'साहित्य सम्मान'।