Bhavendra Nath Shaikia Translated by Mahendranath Dubey

डॉ. भवेन्द्रनाथ शइकीया - जन्म: 1932 में, असम के नवगाँव शहर में। शिक्षा: प्रेसीडेंसी कॉलिज, कलकत्ता से भौतिक विज्ञान में एम.एससी. और लन्दन यूनिवर्सिटी से भौतिक विज्ञान में पीएच.डी.। कार्यक्षेत्र: गुवाहाटी विश्वविद्यालय में भौतिक विज्ञान के रीडर। कला और संस्कृति के व्यापक क्षेत्र में विशेष ख्याति। प्रकाशन: 'प्रहरी' (1963), 'वृन्दावन' (1965), 'तरंग' (1969), 'गह्वर' (1969), 'सेन्दूर' (1970), श्रृंखल' (1975), 'आकाश' (1988) उनके प्रमुख कहानी-संग्रह हैं। 'अन्तरीप', 'अग्निस्नान', 'सन्ध्याराग' जैसे प्रसिद्ध उपन्यासों की रचना के अतिरिक्त उन्होंने गुवाहाटी के 'मूविंग थियेटर' के लिए चौदह नाटक भी लिखे और उनका मंचन-प्रदर्शन भी किया। अनेक राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित।

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