Dr. Dhananjay Verma

धनंजय वर्मा - जन्म: 14 जुलाई, 1935। शिक्षा: जगदलपुर, रायपुर (छत्तीसगढ़), सागर (मध्यप्रदेश) एम.ए., पीएच.डी. 1959 से छत्तीसगढ़ महाविद्यालय, रायपुर में अध्यापन शुरू, मध्य प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग के अन्तर्गत जगदलपुर, भोपाल, खण्डवा, नरसिंहपुर, फिर भोपाल, बरेली के स्नातक एवं स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में पैंतीस वर्षों तक अध्यापन, संस्कृति विभाग : डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय, सागर के पूर्व कुलपति। प्रकाशित पुस्तकें: निराला : काव्य और व्यक्तित्व, आस्वाद के धरातल, अँधेरा नगर, निराला काव्य : पुनर्मूल्यांकन, हस्तक्षेप, आलोचना की रचना यात्रा, अन्धेरे के वर्तुल, आधुनिकता के बारे में तीन अध्याय, आधुनिकता के प्रतिरूप, समावेशी आधुनिकता, हिन्दी कहानी का रचनाशास्त्र, हिन्दी कहानी का सफ़रनामा, हिन्दी उपन्यास का पुनरावतरण, हमको मालूम है जन्नत को हक़ीक़त, परिभाषित परसाई आलोचना के सरोकार, लेखक की आज़ादी आलोचना की ज़रूरत, परम अभिव्यक्ति की खोज (मुक्तिबोध के काव्य का पुनर्मूल्यांकन), आलोचक का अन्तरंग, एक आवाज़ सबसे अलग, नीम की टहनी (कविताएँ), साझी विरासत : (उर्दू काव्य विमर्श) अभिव्यक्ति के रूपाकार, आलोचना के आयाम। सम्पादन: हिन्दी कहानी, कविता, आलोचना, भाषा और साहित्य की उन्नीस पुस्तकों के अलावा मध्य प्रदेश प्रगतिशील लेखक संघ की मुखपत्रिका 'वसुधा' का 1985 से 1990 तक।

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