छोटी सी बात
चर्चित कथाकार कीर्तिकुमार सिंह का तीसरा लघुकथा-संग्रह है-छोटी सी बात। इस संग्रह की लघुकथाएँ उनके पूर्व प्रकाशित लघुकथा-संग्रह अधूरी दास्तान व एक टुकड़ा रोशनी से आगे की दुनिया खोलती हैं।
लघुकथा विधा के प्रति कीर्तिकुमार सिंह का समर्पण ही उन्हें एक विशिष्ट लघुकथाकार बनाता है। दर्शन से जुड़े होने के कारण उनकी लघुकथाओं में कथ्य को एक अलग ही गहराई मिलती है। उनके यहाँ नये कथ्य की अनवरत खोज एक रचना यात्रा ही है। समाज की अनेक परतें खोलते हुए वे चरित्रों की जद्दोजहद को उजागर करते हैं।
अपनी लघुकथाओं के माध्यम से वे समाज में व्याप्त कुरीतियों पर प्रहार करते हैं ।
उन्हें पुरातन मान्यताओं से लगाव नहीं, विरोध है । वह कर्मकाण्ड के ख़िलाफ़ खड़े होते हैं और नये समय में हरदम नयी बात कहने के लिए प्रयत्नशील दिखाई पड़ते हैं।
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