Rachna ke Sarokar

Hardbound
Hindi
8170551056
9788170551058
1st
2015
240
If You are Pathak Manch Member ?

प्रस्तुत पुस्तक में नये साहित्य से सम्बन्धित अनेक समस्याओं और प्रश्नों पर विचार किया गया है। इनमें से कई रचना और साहित्य के बुनियादी प्रश्न हैं, जो हर युग में नये शब्दों के चोले में अपना नया रूप लेकर प्रकट होते हैं। उनका नये रूप में उपस्थित होना ही रचना और साहित्य के विकास का सूचक है। पिछले तीस पैंतीस वर्षों में हिन्दी पत्र-पत्रिकाओं और गोष्ठियों में रचना और साहित्य सम्बन्धी जो वैचारिक बहसें हुई हैं, उनको समेटने का प्रयास इस पुस्तक के निबन्धों में किया गया है। पुस्तक के अधिकांश निबन्ध नये साहित्य की मान्यताओं, उसके सन्दर्भ में उठाये गये प्रश्नों और उसके समर्थक या विरोधी तर्कों पर आधारित हैं। इस अर्थ में यह पुस्तक नये साहित्य का तर्कशास्त्र है । इस पुस्तक में सम्मिलित निबन्ध 1968 से 1984 के बीच अर्थात् लगभग 16 वर्षों में लिखे गये हैं ।

विश्वनाथ प्रसाद तिवारी (Vishwanath Prasad Tiwari)

विश्वनाथ प्रसाद तिवारीजन्म : 1940 ई., कुशीनगर जनपद के एक गाँव रायपुर भैंसही - भेड़िहारी (उ.प्र.) ।पद : गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग में आचार्य एवं अध्यक्ष पद से 2001 ई. में अवकाश ग्रहण | प्रकाशि

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter