• Out Of Stock

Zameen

Hardbound
Hindi
8126309881
2nd
2016
354
If You are Pathak Manch Member ?

₹400.00

जमीन - हिन्दी कथाकार भीमसेन त्यागी के उपन्यास 'जमीन' में गाँवों के जीवन में तेज़ी से आये बदलाव का चित्रण है। समय की आँधी में गाँव का बाह्य ही नहीं, अन्तर भी बदलता जा रहा है। सामन्ती वैमनस्य लोकतान्त्रिक सत्ता संघर्ष में परिवर्तित हो रहा है। निर्धन किसान भूमिहीन हो रहा है और भूमिहीन की यातनाएँ बढ़ रही हैं। स्वराज ने सुराज का जो सपना दिखाया था, वह खण्ड-खण्ड हो गया है। लेखक ने जो देखा और महसूस किया, अपने गाँव के सन्दर्भ में उसे इस उपन्यास के माध्यम से पाठकों तक पहुँचाने का प्रयास किया है। उपन्यास में स्वाधीनता के पश्चात् नेहरू युग तक के विकासक्रम के स्वप्न-काल की कथा है। जमीन का कोई एक नायक नहीं है। यदि है भी जो वह है स्वयं इसका समय या फिर गाँव-गणेशपुर। गंगा-यमुना के बीच का यह गाँव ग्रामीण भारत का प्रतिनिधि है। समूचे ग्राम्य जीवन की आत्मा गणेशपुर में धड़कती है। 'जमीन' में लोक-संस्कृति का रस-रंग है, बोली-बानी है। धूल-भरे चेहरे स्मृति से उझक-उझक आते हैं। इन माटी की मूरतों के छोटे छोटे सपने हैं, बड़े-बड़े ग़म हैं और ग़मों से अदम्य जिजीविषा है। आशा है, पाठकों को वह उपन्यास रोचक ही नहीं, बहुत कुछ सोचने-समझने को भी प्रेरित करेगा।

भीमसेन त्यागी (Bhimsen Tyagi )

भीमसेन त्यागी - जन्म: 19 सितम्बर, 1935 जरवल (बहराइच) में। प्रकाशित कृतियाँ: 'नंगा शहर', 'काला गुलाब', 'वर्जित फल', (उपन्यास); 'दीवारें ही दीवारें', 'ज़बान', 'कमज़ार प्यार की कहानियाँ' (सभी कहानी-संग्रह) और 'आदम

show more details..

My Rating

Log In To Add/edit Rating

You Have To Buy The Product To Give A Review

All Ratings


No Ratings Yet

E-mails (subscribers)

Learn About New Offers And Get More Deals By Joining Our Newsletter