ईर्ष्या तथा अन्य कहानियाँ - राजेन्द्र कुमार मिश्र की कहानियों का पात्र-संसार वैविध्यपूर्ण है। ये पात्र आस्था, आदर्श तथा प्रतिबद्धता के साथ व्यक्तिगत राग-द्वेष, ईर्ष्या, आत्मश्लाघा तथा अनियन्त्रित महत्वाकांक्षा से भी नियन्त्रित हैं। वैचारिक पूर्वग्रह कैसे आपसी सम्बन्धों को विकृत करता है, इसे कहानीकार ने बहुत ही कलात्मकता से दिखाया है। दंगों के मनोविज्ञान को भी उन्होंने बहुत मार्मिक यथार्थवादी दृष्टि से अंकित किया है। लेखक तटस्थ होकर पात्रों को उनका जीवन जीने देता है। पात्र धीरे-धीरे अपनी स्वाभाविक गति को प्राप्त होते हैं। लेखक की इतनी अमूर्त और निरावेगी उपस्थिति इस अर्थ में महत्त्वपूर्ण है कि वह कथा को अधिकाधिक निखारती और विश्वसनीय बनाती हैं। नौकरशाही और भद्र वर्ग की विसंगति को जिस भोली सहजता से राजेन्द्र कुमार मिश्र चीरते चले जाते हैं, वह उन्हें अपने ढंग का अद्वितीय कथाकार बनाती है।
Log In To Add/edit Rating
You Have To Buy The Product To Give A Review