रचनात्मक लेखन - यदि रचनात्मकता को परिभाषित किया जाये तो यह आत्माभिव्यक्ति के विभिन्न आयामों में दृश्यमान होती दिखाई देगी। इस अभिव्यक्ति के कई प्रकार के माध्यम हो सकते हैं। लेखक शब्दों में, चित्रकार रंगों और रेखाओं में, कलाकार शरीर के हाव-भावों की भाषा में अपनी बात अभिव्यक्त करने में सहजता और सुविधा का अनुभव करता है। अनुकूल परिस्थितियाँ, उचित वातावरण, निरन्तर अभ्यास और लेखन की अनिवार्यता की अनुभूति—रचनात्मक लेखन के आधार हैं। यह पुस्तक रचनात्मकता के कई महत्वपूर्ण पड़ावों पर पहुँचकर पाठकों को विभिन्न अनुभवों और उदाहरणों द्वारा एक दिशा प्रदान करने की कोशिश करती है ताकि रचनात्मक लेखन के मुख्य बिन्दुओं को कलाओं के माध्यम से समझा जा सके।
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