पटाक्षेप - साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित मैथिली भाषा की प्रतिष्ठित कथाकार लिली रे का महत्त्वपूर्ण उपन्यास है ‘पटाक्षेप' । 'पटाक्षेप' नक्सलवादी आन्दोलन की पृष्ठभूमि पर आधारित एक सशक्त उपन्यास है। वास्तव में उत्साह और उमंग से शुरू हुए नक्सलवादी आन्दोलन का उद्देश्य युवा छात्रों और किसान-मज़दूरों को शोषण के ख़िलाफ़ संघर्ष करने के लिए प्रेरित करना था, लेकिन दुर्भाग्य से वह इतिहास का महज़ एक ख़ौफ़नाक और ख़ूँख़्वार अध्याय बनकर रह गया। इसी पृष्ठभूमि पर केन्द्रित इसकी कथावस्तु युवाओं की आशाओं और आकांक्षाओं के साथ आरम्भ होकर उनके जटिल अनुभवों से गुज़रती हुई विघटन और सन्त्रास तथा उनकी भीतरी-बाहरी रोमांचक स्थितियों के मार्मिक चित्र दर्शाती है। ‘पटाक्षेप' में नक्सलवादी आन्दोलन के स्वरूप और उसकी जटिलता को ध्यान में रखते हुए लिली रे ने मानवीय मूल्यों की गरिमा को गहराई से रेखांकित किया है। कहना न होगा कि यह उपन्यास ऐतिहासिक होने का दावा तो नहीं करता, लेकिन इतिहास के सत्य का एक अलग दृष्टिकोण सर्जनात्मक मूल्यांकन करने का प्रयास अवश्य करता है।
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