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Padatik

Hardbound
Hindi
NA
1st
1995
184
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₹95.00

पदातिक - रामायण के अयोध्याकाण्ड को आधार बनाकर लिखी गयी यह औपन्यासिक रचना 'पदातिक' एक अत्यन्त लोकप्रिय आख्यान की समकालीन प्रस्तुति है। अपनी इस कथा-रचना के माध्यम से यशस्वी कवि कथाकार प्रणव कुमार वन्द्योपाध्याय ने उन सामाजिक मूल्यों को रेखांकित कर पाठक को निस्सन्देह विचार के लिए विवश किया है जो तरह-तरह की विसंगतियों के कारण आज बहुत प्रभावी नहीं प्रतीत होते। कहना ही होगा कि एक बहुपठित पौराणिक आख्यान पर आधारित होने के बावजूद 'पदातिक' एक यथार्थपरक उपन्यास है। दरअसल इस कथा-रचना का केन्द्र राम आज के परिप्रेक्ष्य में भी उतना ही वास्तविक चरित्र है जितना पाठक के भीतर बैठा उसका सहस्रों वर्षों का आत्मिक सत्य! इसीलिए विश्वास है कि हिन्दी का सुधी पाठक-समाज प्रणव जी के इस नवीनतम उपन्यास को पढ़कर एक अद्वितीय और प्रीतिकर सार्थकता का अनुभव करेगा ........।

प्रणव कुमार वंदोउपाध्याय (Pranav Kumar Vandyopadhyaya)

प्रणव कुमार वन्योपाध्याय – जन्म 1947 में। स्कूल जीवन में लिखी कविताओं का संग्रह 'नरक की क्रान्ति में' 1965 में प्रकाशित हुआ। तब से साहित्य की विभिन्न विधाओं में निरन्तर लिख रहे हैं। अनेक बार पुरस्

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