Kavi Parampara-2

Hardbound
Hindi
9789387919440
1st
2019
102
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कवि परम्परा (भाग-दो) सियारामशरण गुप्त से अरुण कमल - प्रख्यात समालोचक प्रभाकर श्रोत्रिय की कवि परम्परा' (भाग-दो) विभिन्न युगों की कविता को ताज़गी और मार्मिकता से आधुनिक पटल पर रखती है। इस पुस्तक में शामिल 13 कवि कविता के विकास के लम्बे काल विस्तार को समेटे हुए हैं। इस पुस्तक में भारतेन्दु, सियारामशरण गुप्त, जयशंकर प्रसाद, रामधारी सिंह दिनकर, अज्ञेय, गिरिजाकुमार माथुर, नागार्जुन, जगदीश चतुर्वेदी, श्रीराम वर्मा, कुँवर नारायण, कैलाश वाजपेयी, अरुण कमल और विश्वनाथ प्रसाद तिवारी की कविताओं का गहन अध्ययन है। अलग-अलग युग के अलग-अलग धारा के इन कवियों की रचनाओं का विषद् अध्ययन इस पुस्तक का प्राण है। इस पुस्तक में प्रत्येक कवि की व्याख्या और उनके अब तक अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए उनकी पुनर्व्याख्या की गयी है, जो एक आवश्यक अकादमिक हस्तक्षेप है। कविता के अध्येताओं व शोधार्थियों के लिए सर्वथा स्वागतयोग्य कृति। पुस्तक – लपटें -

प्रभाकर श्रोत्रिय (Prabhakar Shrotriya)

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