Bhoumarshi

Hardbound
Hindi
9789326351539
2nd
2013
376
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भौमर्षि - मराठी की यशस्वी लेखिका शुभांगी भडभडे की आचार्य विनोबा भावे के प्रयोगधर्मी जीवन और कृतित्व को केन्द्रित कर लिखी गयी एक सशक्त औपन्यासिक कृति है—'भौमर्षि'। आज़ादी के दौर में विनोबाजी महात्मा गाँधी के पूरक व्यक्तित्व बनकर उभरे। गाँधीजी ने जिस ग्राम स्वराज के माध्यम से ग़रीबों के उन्नयन की परिकल्पना की थी उसको काफ़ी हद तक वास्तविकता प्रदान की विनोबा जी ने। ग्यारह वर्षों से भी ज़्यादा समय तक पूरे देश की निरन्तर पदयात्रा करते हुए विनोबाजी ने लाखों भूमिहीन किसानों में भूमि वितरित करके उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का काम किया। विनोबाजी की कार्य-पद्धति के विश्लेषण के साथ ही, प्रस्तुत उपन्यास में बाधाओं में भी अडिग उनके व्यक्तित्व, खरी बातें कहने का आत्मबल, निश्छल स्वभाव और उनके मानसिक ऊहापोह का जैसा वर्णन किया गया है, उससे यह कृति अनजाने ही एक कालखण्ड का दस्तावेज़ बन गयी है। नयी पीढ़ी के लिए यह जानना बहुत आवश्यक है कि कभी इस देश में विनोबा भावे जैसे ग़रीबों के हमदर्द तथा किंवदन्तीतुल्य सन्त नेता भी जनमे थे। उनका व्यक्तित्व कितना विराट था, उनका कार्य कितना गुरुत्वपूर्ण था, इसे जानना, एक प्रकार से अपने देश को ही फिर से जानना है। मराठी के इस बहुचर्चित उपन्यास का हिन्दी अनुवाद प्रस्तुत करते हुए भारतीय ज्ञानपीठ ने महापुरुषों के प्रेरक व्यक्तित्व और कृतित्व पर रचनाएँ प्रकाशित करने की अपनी गौरवपूर्ण परम्परा निभायी है। आशा है पाठकों के द्वारा इस कृति का भरपूर स्वागत होगा।

शुभांगी भड्भड़े अनुवाद डॉ. ओम शिवराज ऋता सेंगर (Shubhangi Bhadbhade Translated by Dr. Om Shivraj Rita Sengar )

शुभांगी भडभडे - जन्म: 21 दिसम्बर, 1942 ई. को मुम्बई में। शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी साहित्य), साहित्यरत्न। प्रकाशित कृतियाँ : मराठी में तेरह चरित्रात्मक और अठारह सामाजिक उपन्यास। सात कहानी-संग्रह और बार

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