Arawali

Hardbound
Hindi
9788126330034
2nd
2016
290
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अरावली - 'अरावली' किशोरसिंह सोलंकी द्वारा लिखित गुजराती उपन्यास है, जिसका हिन्दी में अनुवाद योगेन्द्र मिश्र ने किया है। लेखक ने इसे 'ललित नवल' या 'लिखित उपन्यास' कहा है। एक तरह से 'अरावली' इस रचना का प्रमुख चरित्र है। लेखक के अनुसार, 'दो सौ चालीस करोड़ वर्ष पूर्व अस्तित्व में आया यह अरावली न जाने कितने परिवर्तनों का साक्षी बना होगा! कितने वसन्त इसने देखे होंगे! कितने फागुन यहाँ फूले होंगे! कितने-कितने सौन्दर्यों का साज सजा होगा यह!' किशोरसिंह सोलंकी ने भारत की इस अतिप्राचीन पर्वतमाला के पर्यावरण और अन्तःकरण का अत्यन्त आत्मीय चित्रण किया है। बनासकाँठा ज़िले के वन विभाग के कार्यालय में आर.एफ़.ओ. के पद का कार्यभार ग्रहण करने के बाद कथानायक अंचल की यात्रा प्रारम्भ करता है। इस दौरान ऐसी कथा-स्थितियाँ बनती हैं जो अरावली की किसी-न-किसी जातीय, सांस्कृतिक, प्राकृतिक या ऐतिहासिक विशेषता को प्रकट करती हैं। लेखक की भाषा इस उपन्यास का सर्वोपरि आकर्षण है, जिसके लिए अनुवादक भी प्रशंसा का पात्र है। एक वाक्य है——'इसी बीच सूरज के सामने थोड़े बादल आ गये थे और लगता था आकाश में परछाईं का लेप किया गया हो।' अंचल विशेष को उसकी समग्र अस्मिता के साथ प्रस्तुत करने वाला उपन्यास 'अरावली' वनस्पतियों या सीमान्त वासियों को जानने का भी मोहक माध्यम है। रोचक, पठनीय और संग्रहणीय।

किशोर सिंह सोलंकी अनुवाद योगेन्द्र मिश्र (Kishor Singh Solanki Translated by Yogendra Mishr )

किशोरसिंह सोलंकी - जन्म: 1 अप्रैल, 1949 को मगरवाड़ा (ज़िला बनासकाँठा) गुजरात में। गुजराती के सिद्धहस्त कवि, कहानीकार, उपन्यासकार एवं सम्पादक। शैक्षणिक, सामाजिक, राजनीतिक एवं प्रशासनिक क्षेत्रों

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