कबीर और रामानंद : किंवदंतियाँ
किंवदन्ती और संस्कृति के नाम पर ब्राह्मण को झूठ बोलने का अधिकार दिया जा सकता है लेकिन उसे यह अधिकार नहीं दिया जा सकता है कि दलित उसका विश्वास भी करेगा। दोनों के बीच संवाद का यही समझौता है। इस समझौते को बिगाड़ने की कोशिश में नीयत खराब है। ब्राह्मण झूठ बोलता रहे और दलित उसका अविश्वास करता रहे-यह भी दलित समस्या का एक मुकम्मिल समाधान हो सकता है।
- भूमिका से
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