हिन्दी में कम्प्यूटर प्रणाली का सामान्य परिचय देते हुए कुछ पुस्तकें अवश्य सामने आयी हैं, लेकिन अभिकलनात्मक भाषा विज्ञान या भाषा-आधारित कम्प्यूटर कार्यक्रमों पर हिन्दी पुस्तकें नहीं के बराबर हैं। इस परिवेश में डॉ. विजय कुमार मल्होत्रा की प्रस्तुत पुस्तक का स्वागत होना चाहिए-इसलिए भी कि यह एक महत्त्वपूर्ण अनुसंधानपरक प्रयास है। पुस्तक के पूर्वभाग में लेखक ने अभिकलनात्मक भाषाविज्ञान, प्राकृतिक भाषा-संसाधन, कृत्रिम बुद्धि, मशीनी अनुवाद तथा सम्बद्ध व्याकरणिक मॉडलों का क्रमिक विकास और स्वरूप बोधगम्य शैली में प्रस्तुत किया है। इसमें सन्देह नहीं कि मशीनी अनुवाद अभी अपनी प्रारम्भिक अवस्था में ही है और तरह-तरह के मॉडलों का प्रयोग इस क्षेत्र में हो रहा है। लेखक ने कुछ मॉडलों का संक्षिप्त परिचय देने के बाद टैग को अपने विश्लेषण का प्रमुख आधार बनाया है।
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